Index Search for 'य' alphabet |
Shloka: | येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगाः सुखानि च। येषामर्थे काङ्क्षितं नो राज्यं भोगाः सुखानि च॥ |
Bhagavad Gita Reference: | 1.33 |
Mahabharata Reference: | 6023033 |
Hindi Trnaslation: | जिनके लिये हमें राज्य, भोग और सुखादि अभीष्ट हैं, वे ही इन सब भोगों और जीवन की आशा को त्यागकर युद्ध में खड़े हैं ॥३३॥ |
Sandhi-split Shloka: | येषाम् अर्थे काङ्क्षितम् नः राज्यम् भोगाः सुखानि च ते इमे अवस्थिताः युद्धे प्राणान् त्यक्त्वा धनानि च |
Anvayakrama: | येषाम् अर्थे नः राज्यम् काङ्क्षितम्, भोगाः सुखानि च ;ते इमे आचार्याःप्राणान् धनानि च त्यक्त्वा, युद्धे अवस्थिताः॥ |
Bhagavad Gita Tagged Shloka: | येषाम्/SSN अर्थे/NP काङ्क्षितं/KN नः/SN राज्यं/NP भोगाः/NP सुखानि/NP च/APY ते/SNV इमे/SN अवस्थिताः/KN युद्धे/NP प्राणान्/NP त्यक्त्वा/KKS धनानि/NP च/APY ॥/PUNC 1.33/PUNC ॥/PUNC Tagging scheme used |